Contents
Hindi Sahitya Ke Upanyas | हिंदी साहित्य के उपन्यास
Hindi Sahitya Ke Upanyas | हिंदी साहित्य के उपन्यास : आधुनिक काल में विकसित गद्य विधाओं में उपन्यास का महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदी उपन्यास के विकास का श्रेय अंग्रेजी एवं बंगला उपन्यासों को दिया जा सकता है क्योंकि इसमें इस विद्या का शुभारंभ अंग्रेजी एवं बंगला उपन्यासों से ही हुआ है।
हिंदी का पहला उपन्यास लाला श्रीनिवास दास द्वारा रचित “परीक्षा गुरु” (1882 ई.) को माना जाता है।
Hindi Sahitya Ke Pratham Upanyas | हिंदी साहित्य के प्रथम उपन्यास
Hindi Sahitya Ke Pratham Upanyas | हिंदी साहित्य के प्रथम उपन्यास : हिंदी का प्रथम उपन्यास कौन सा है ? इस संबंध में निम्न नामों का उल्लेख किया गया है :
1. | परीक्षा गुरु | 1882 | लाला श्रीनिवास दास |
2. | देवरानी जेठानी की कहानी | 1870 | पं. गौरीदत्त |
3. | निस्सहाय हिंदू | 1890 | राधाकृष्ण दास |
4. | भाग्यवती | 1877 | श्रद्धाराम फुल्लौरी |
यदि हम कालक्रम की दृष्टि से देखे तो भाग्यवती (1877ई) हिंदी का पहला उपन्यास है परंतु इसमें औपन्यासिक तत्व पूर्णत: नहीं पाए जाते हैं। यह 1877 में लिखा गया लेकिन प्रकाशित 1887 में हुआ। अत: “परीक्षा गुरु” को ही आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिंदी का पहला उपन्यास माना है।
चंद्रकांता (1891) हिंदी का पहला लोकप्रिय उपन्यास है जिसे पढ़ने के लिए लाखों उर्दू जीवियों ने हिंदी सीखी।
रामचंद्र शुक्ल ने परीक्षा गुरु को अंग्रेजी ढंग का पहला मौलिक उपन्यास माना है। हिंदी उपन्यास कोश के संपादक गोपाल राय ने पंडित गौरीदत्त के “देवरानी जेठानी की कहानी “को हिंदी का पहला उपन्यास माना है।
Hindi Sahitya Ke Upanyas | हिंदी साहित्य के उपन्यासों का विकास क्रम
Hindi Sahitya Ke Upanyas | हिंदी साहित्य के उपन्यासों का विकास क्रम : हिंदी उपन्यास क्रम का अध्ययन करने के लिए उसे निम्नानुसार से विभक्त कर सकते हैं –
1. | पूर्व प्रेमचंद युग | 1882 – 1915 |
2. | प्रेमचंद युग | 1915 – 1936 |
3. | प्रेमचंदोत्तर युग | 1936 – 1950 |
4. | स्वातंत्र्योत्तर युग | 1950 – 1975 |
5. | समकालीन युग के उपन्यास | 1975 – अद्यतन |
1. प्रेमचंद पूर्व हिंदी उपन्यास :
यह हिंदी का प्रारंभिक चरण था। इसमें उपन्यास विधा अपने अपना स्वरूप ग्रहण करने का प्रयास कर रही थी। इस काल के प्रमुख उपन्यासकार निम्नानुसार है :
श्रद्धा राम फुल्लौरी
- भाग्यवती (1887)
लाला श्रीनिवास दास
- परीक्षा गुरु – (1882)
प. बालकृष्ण भट्ट
- नूतन ब्रह्मचारी-1886
- रहस्य कथा -1879
- एक अजान सौ सुजान-1892
ठाकुर जगमोहन सिंह
- श्यामास्वप्न-1888)
लज्जाराम मेहता
- धूर्त रसिकलाल – (1899)
- स्वतंत्र रमा परतंत्र लक्ष्मी – (1899)
- बिगड़े का सुधार -(1907)
- आदर्श हिंदू – (1907)
राधाकृष्ण दास
- निस्सहाय हिंदू -(1890)
— गोवध की समस्या के निवारण के लिए लिखा गया उपन्यास
बाबू देवकीनंदन खत्री
- चंद्रकांता – (1891)
- चंद्रकांता संतति
- काजर की कोठरी
- भूतनाथ
- कुसुम कुमारी
- वीरेंद्रवीर
- नरेंद्र मोहिनी
गोपालराम गहमरी
- सिरकटी लाश – (1900)
- जासूस की भूल – (1901)
- जासूस पर जासूसी – (1904)
- गुप्त भेद – (1913)
- जासूस की ऐयारी – (1914)
किशोरी लाल गोस्वामी
- जिंदे की लाश
- तिलस्मी शीशमहल
- लीलावती
- याकुती तख्ती
- प्रणयिनी परिणय
- मस्तानी
- सुख शर्वरी ,
- प्रेममयी
अयोध्या सिंह उपाध्याय
- प्रेम कांता
- ठेठ हिंदी का ठाठ – (1899 )
- अधिक खिला फूल – (1907)
राधिका रमणप्रसाद सिंह
- प्रेम लहरी
इस काल के उपन्यास प्रधानत: सुधारवादी एवं उपदेशात्मकता वृति को लेकर लिखे गए। जिनका मूल उद्देश्य मनोरंजन करना था।
2. प्रेमचंद युगीन हिंदी उपन्यास
प्रेमचंद युगीन उपन्यासकारों में प्रेमचंद अपनी महान प्रतिभा के कारण युग प्रवर्तक के रूप में जाने जाते हैं। उनके उपन्यासों में पहली बार सामान्य जनता की समस्याओं की कलात्मक अभिव्यक्ति की गई थी।अपने महान उपन्यासों के कारण ये वास्तव में उपन्यास सम्राट सिद्ध हुए हैं।
उनके उपन्यासों में राष्ट्रीय आंदोलन, कृषक समस्या, मानवतावाद, भारतीय संस्कृति शोषण, विधवा विवाह, अनमेल विवाह, दहेज प्रथा आदि समस्याओं के विषयों से संबंधित है I
इन्होनें हिंदी कथा साहित्य को मनोरंजन के स्तर से ऊपर उठाकर जीवन के साथ जोड़ने का कार्य किया। समाज में छुआछूत और सांप्रदायिकता की समस्या को भी उन्होंने अपने उपन्यासों में अभिव्यक्ति दी है।
प्रेमचंद युगीन अन्य उपन्यास व उपन्यासकार इस प्रकार से हैं :
प्रेमचंद
- सेवासदन -1918
- प्रेमाश्रम -1922
- रंगभूमि -1925
- कायाकल्प -1926
- निर्मला -1927
- गबन -1931
- प्रतिज्ञा -1929
- कर्मभूमि -1933
- गोदान -1936
जयशंकर प्रसाद
- कंकाल -1929
- तितली -1934
- इरावती -1936
विश्वम्भरनाथ शर्मा कौशिक
- मां
- भिखारिणी
प्रताप नारायण मिश्र
- विदा
- विनाश के बादल
- बेकसी का मजार
वृंदावनलाल वर्मा
- गढ़कुंडार -1929
- विराट की पदमिनी -1933
- मुसाहिब जू -1946
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई -1946
- कचनार -1948
- मृगनयनी -1950
- टूटे कांटे -1954
- अहिल्याबाई -1954
- माधवजी सिंधिया एवं भुवन विक्रम
- संगम, लगन, प्रत्यागत ,कुंडली चक्र (सामाजिक उपन्यास)
पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’
- चंद हसीनों के खतूत -1924
- दिल्ली का दलाल -1927
- चॉकलेट -1927
- बुधुआ की बेटी -1928
- शराबी -1931
- मनुष्यान्द -1935
- सरकार तुम्हारी आंखों में -1937
- जीजाजी -1937
- फागुन के दिन चार -1960
- जुहू -1963
चतुरसेन शास्त्री
- हृदय की परख -1918
- हृदय की प्यास -1931
- अमर अभिलाषा -1933
- वैशाली की नगरवधु -1948
- मंदिर की नर्तकी -1951
- अपराजिता -1952
- आलमगीर -1954
- सोना और खून -1957
- सोमनाथ
- वयम रक्षाम :
- सहाद्री की चट्टानें -1959
- बिना चिराग का शहर -1960
3. प्रेमचंदोत्तर उपन्यास
प्रेमचंद के बाद हिंदी उपन्यास किसी एक निश्चित दिशा की ओर अग्रसर नहीं हुआ अपितु
उसकी विविध धाराएं अनेक दिशाओं की ओर बहती गयी।
यदि कालक्रम को दृष्टिगत रखकर प्रेमचंदोत्तर उपन्यासों का वर्गीकरण करें तो
उसे तीन खंडों में विभक्त कर सकते हैं :-
- 1936 से 1950 तक के उपन्यास
- 1950 से 1960 तक के उपन्यास
- 1960 से के उपरांत के उपन्यास
विषय की दृष्टि से अध्ययन करें तो निम्न वर्ग बनाए जा सकते हैं :-
- मनोविश्लेषणवादी उपन्यास
- साम्यवादी उपन्यास
- ऐतिहासिक उपन्यास
- आंचलिक उपन्यास
- प्रयोगवादी उपन्यास
1. मनोविश्लेषण वादी उपन्यास
जैनेंद्र
- परख -1929
- सुनीता -1935
- त्यागपत्र -1937
- कल्याणी -1939
- जयवर्धन -1956
- सुखदा -1952
- विवर्त -1953
- व्यतीत -1953
- मुक्तिबोध -1966
- अनंतर -1968
- अनाम स्वामी -1978
- दर्शाक -1985
अज्ञेय
- शेखर एक जीवनी -1941
- नदी के द्वीप -1951
- अपने-अपने अजनबी -1961
इलाचंद्र जोशी
- घृणामयी -1929
- सन्यासी -1940
- पर्दे की रानी -1942
- प्रेत और छाया -1944
- निर्वासित -1946
- मुक्ति पथ -1948
- सुबह के भूले -1951
- जिप्सी -1952
- जहाज का पंछी
2. साम्यवादी उपन्यास
यशपाल
- दादा कामरेड -1941
- देशद्रोही -1943
- पार्टी कामरेड -1941
- दिव्या -1945
- मनुष्य के रूप -1949
- अमिता -1954
- झूठा सच -1958
भैरव प्रसाद गुप्त
- शौले -1950
- मशाल -1951
- गंगा मैया -1953
सियारामशरण गुप्त
- गोद -1932
- अंतिम आकांक्षा -1934
अमृतलाल नागर
- महाकाल -1947
- सेठ बाके मत -1955
- बूंद और समुन्द्र -1956
- शतरंज के मोहरे -1959
- सुहाग के नूपुर -1961
- अमृत और विष -1966
- एकता नैमिषारण्य
- नाच्यो बहुत गोपाल
- खंजन नयन
- करवट
- पीढ़ियां
- मानस का हंस
- नवाबी मसनद
3. ऐतिहासिक उपन्यास
हजारी प्रसाद द्विवेदी
- बाणभट्ट की आत्मकथा
- चारुचंद्र लेख
- पुननर्वा
- अनामदास का पोथा
रांगेय राघव
- मुर्दों का टीला -1948
- काका
- कब तक पुकारूं
राहुल सांकृत्यायन
- सिंह सेनापति
- जय योधैय
4. आंचलिक उपन्यास
फणीश्वरनाथ रेणु
- मैला आंचल -1954
- परति परीकथा -1957
- दीर्घतपा -1964
- जुलूस
नागार्जुन
- रतिनाथ की चाची -1948
- बलचनमा -1952
- वरुण के बेटे
- नई पौध -1954
- दुख मोचन -1956
- हीरक जयंती -1958
- कुंभीपाक
- गरीबदास
शिवप्रसाद सिंह
- अलग अलग वैतरणी
- नीला चांद
- कुंहरे में युद्ध
- दिल्ली दूर है
राही मासूम रजा
- आधा गांव 1966
- टोपी शुक्ला 1969
- हिम्मत जौनपुरी
- ओस की बूंद
- दिल एक सादा कागज
- कटरा बी आरजू
श्रीलाल शुक्ल
- सुने घाटी का सूरज
- अज्ञातवास -1962
- राग दरबारी -1968
- आदमी का जहर
- मकान
- पहला पड़ाव
- विश्रामपुर का संत -1998
5. प्रयोगवादी उपन्यास
मोहन राकेश
- अंधेरे बंद कमरे -1961
- न आने वाला कल -1968
- अंतराल -1972
राजेंद्र यादव
- प्रेत बोलते हैं
- उखड़े हुए लोग
- शह और मात
मन्नू भंडारी
- आपका बंटी
- महाभोज
निर्मल वर्मा
- वे दिन -1964
- लालटीन की छत -1974
- एक चिथड़ा सुख -1979
- रात का रिपोर्टर -1989
भीष्म साहनी
- झरोखे -1967
- कड़ियां -1970
- तमस -1973
- बसंती नीलू नीलिमा नीलोफर -2000
मनोहर श्याम जोशी
- कुरु कुरु स्वाहा -1980
- कसम
- हरिया हरक्यूलिस की कहानी
- हमजाद
- टाटा प्रोफेसर
- क्याप
- कौन हु मैं
धर्मवीर भारती
- गुनाहों के देवता -1949
- सूरज का सातवा घोडा -1952
गिरधर गोपाल
- चांदनी के खंडहर
- कंदील और मुंहासे
मेहरून्निसा परवेज
- उसका घर
गिरीश अस्थाना
- धूप छांही रंग
राजकमल चौधरी
- नदी बहती थी
- शहर था शहर नहीं था -1966
- मछली मरी हुई -1966
श्रीकांत वर्मा
- दूसरी बार
महेंद्र भल्ला
- एक पति के नोट्स
कमलेश्वर
- एक सड़क सत्तावन गलियां
- डाकबंगला
- लौटते हुए मुसाफिर
- काली आंधी
- तीसरा आदमी
- आगामी अतीत
- सुबह दोपहर शाम
- रेगिस्तान
- कितने पाकिस्तान
गंगा प्रसाद विमल
- अपने से अलग
- मरीचिका मृगान्तक
सुरेंद्र वर्मा
- अंधेरे से परे
- मुझे चांद चाहिए
- दो मुर्दों के लिए
- गुलदस्ता
मणि मधुकर
- सफेद मेमने
- पत्तों की बिरादरी
- पिंजरे में पन्ना
विश्वंभरनाथ उपाध्याय
- रीछ
- पक्षधर
- जाग मच्छंदर गोरख आया
- जोगी मत जा
- विक्षुप्त
- विश्वबाहू परशुराम
- प्रतिरोध
अमरकांत
- इन्ही हथियारों से
विष्णु प्रभाकर
- अर्धनारीश्वर
मुद्राराक्षस
- भगोड़ा
- शांतिभंग
- पंचतंत्र
- दंड विधान
कमलाकांत त्रिपाठी
- पाहीघर
ये भी अच्छे से जाने :
एक गुजारिश :
दोस्तों ! आशा करते है कि आपको “Hindi Sahitya Ke Upanyas | हिंदी साहित्य के उपन्यास“ के बारे में हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी I यदि आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट करके अवश्य बतायें I हम आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे I
नोट्स अच्छे लगे हो तो अपने दोस्तों को सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूले I नोट्स पढ़ने और हमारी वेबसाइट पर बने रहने के लिए आपका धन्यवाद..!
अद्भुत
Thanks and welcome to Hindishri.com. plz.. invite ur friends and share on social media.